Rumored Buzz on Shodashi
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
Shodashi’s mantra enhances devotion and religion, serving to devotees set up a further connection into the divine. This gain instills trust within the divine course of action, guiding individuals by means of challenges with grace, resilience, and a sense of reason within their spiritual journey.
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
When Lord Shiva heard concerning the demise of his wife, he couldn’t Command his anger, and he beheaded Sati’s father. Nevertheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s everyday living and bestowed him using a goat’s head.
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
Worshipping Goddess Shodashi is not merely about trying to get material Positive aspects but will also with regards to the interior transformation and realization in the self.
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
षोडशी read more महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram